कंप्यूटर जेनरेशन
आज के समय में कंप्यूटर हमारे जीवन में बहुत ही आहम भूमिका निभा रहा है क्यों की आज देखा जाये तो हर क्षेत्र में प्रतेक काम के लिए कंप्यूटर का प्रयोग हो रहा है और यदि किसी कारन कंप्यूटर में कोई प्रॉब्लम आ जाती है और कंप्यूटर बंद हो जाता है तो हमारा सारा का सारा काम रुक जाता है
दोस्तों मुझे विश्वास है की इस ब्लॉग को पड़ने के बाद आपको किसी भी तरह का confusion नहीं रहेगा इसलिए इस ब्लॉग आप ध्यान से पढ़े तो फ्रेंड्स चलिए जानते है कंप्यूटर के कुछ और महत्पूर्ण बातो को
जैसे की हम जानते है कंप्यूटर इलेक्ट्रॉनिक मशीन है और इस मशिन की शुरुआत 1946 में हुई थी पर कंप्यूटर का इतिहास बहुत ही पुराना है क्या आप जानते है की हजारो वर्ष पूर्व गणना करने के लिए बनाया गया कंप्यूटर जिसका नाम abacus था और यह पहला कंप्यूटर था जो आज भी स्कूल में प्रयोग में लाया जाता है चलिए जानते है कंप्यूटर की पीढ़ी के बारे में कंप्यूटर में कब- कब और क्या-क्या बदलाव आया
आइये जानते है कंप्यूटर जनरेशन के बारे में
पहली पीढ़ी के कंप्यूटर (1946 – 1956)
दूसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1956 – 1964)
तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर (1964 – 1971)
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर (1971 – 1985)
पांचवीं पीढ़ी के कंप्यूटर (वर्तमान और भविष्य) )
पहला पीढ़ी कंप्यूटर 1946 -1956
प्रथम इलेक्ट्रॉनिक कंप्यूटर 1946 में आया था जिसका नाम ENIAC {Electronic Numerical Integrator and Computer} था इसका अविष्कार जे .पी एकर्ट {J.P Eckert} तथा जे डब्लू मौक्ष्ले {J.W Mauchly} ने किया था, इस पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब का प्रयोग किया जाता था, जिसका अविष्कार सन 1904 में जॉन अम्ब्रोसे फ्लेमिंग {John Ambrose fleming} ने किया था, इस पीढ़ी में के ENIAC के अलावा और भी कई कंप्यूटर का अविष्कार हुआ जैसे की है EDVAC{ Electronic Discrete Variable Automatic Computer } और UNIVAC{ Universal Automatic Computer} जैसे कंप्यूटर थे
प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर आकर में बहुत बड़े होते थे इनकी स्पीड भी बहुत ही कम होती थी और मेमोरी कार्ड भी कम और धीरे काम करता था, और स्टोरेज भी कम था इसी कारन इन कंप्यूटर में डाटा को स्टोरेज करके नहीं रखा जा सकता था, इस कंप्यूटर की कीमत बहुत आधिक होने के कारन ये कंप्यूटर लोगो के पास नहीं थी और इसको चलाना भी बहुत मुश्किल था ,प्रथम पीढ़ी के कंप्यूटर के निम्लिखित लक्षण थे
वैक्यूम ट्यूब
पंचकार्ड
मगनेटिक ड्राप
एयर कंडीशन का प्रयोग
मशीन और असेम्बली भाषा
दूसरा पीढ़ी कंप्यूटर 1956-1964
दूसरा पीढ़ी कंप्यूटर 1956-1964
दुसरे पीढ़ी के कंप्यूटर की बात करे तो 1956-1964 के बिच वाले सभी कंप्यूटर आते है, दुसरे पीढ़ी के कंप्यूटर में वैक्यूम ट्यूब के बदले ट्रांसिस्टर{Transister} का प्रयोग होने लगा, और ये कंप्यूटर पहले वाले कंप्यूटर से बहुत ही फ़ास्ट काम करते थे, ट्रांसिस्टर ही इस पीढ़ी के कंप्यूटर का मेन पार्ट था, जिसके कारन फ़ास्ट काम करता था, और बिजली भी कम लेता था ट्रांसिस्टर का अविष्कार विलियम शोकेल {William Shockley } ने किया तथा उसकी सहयोगी वैज्ञानिक टीम ने 1947 में अमेरिका में किया था, और इस कंप्यूटर में भी इनपुट आउटपुट के लिए पंचकार्ड का प्रयोग होता था
तीसरा पीढ़ी के कंप्यूटर 1964-1971
तीसरा पीढ़ी के कंप्यूटर की बात करे तो 1956-1964 के बिच में आने वाले सभी कंप्यूटर तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर कहते है , तीसरी पीढ़ी के कंप्यूटर में I.C{ Integrated circuit} का प्रयोग होने लगाI I.C एक चिप ही होता है जिसमे बहुत सारे ट्रांसिस्टर ग्रुप होता है, I.C का आविस्कर{ texas instrument company }के एक इलेक्ट्रिक इंजिनीयर जैक किल्बी {jack kelby} 1958 में किया था I.C लगाने के बाद कंप्यूटर में वहुत ज्यादा बदलाव आया था , थर्ड जनरेशन के कंप्यूटर दुसरे और पहले जनरेशन वाले कंप्यूटर से बहुत फ़ास्ट कम करता था और आकर में भी उम से छोटा था इसका प्रयोग करना भी आसन था , तथा .तीसरी पीढ़ी से ही fortan जैसे लैंग्वेज इस्तमाल होने लगा ,इसी पीढ़ी से ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होने लगा और यूजर को कंप्यूटर चलाना आसान हो गया, यूजर आसानी से कंप्यूटर से इंटरफ़ेस कर सकते थे
चौथा पीढ़ी के कंप्यूटर 1971-1985
चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर 1971से 1980 के बिच वाले कंप्यूटर को चौथी पीढ़ी का माना जाता है और आज भी चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर का हम प्रयोग कर रहे है , चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में बहुत ज्यादा बदलाव आया चौथी पीढ़ी के कंप्यूटर में माइक्रो प्रोसेसर का प्रयोग होने लगा था , ये कंप्यूटर उन तीनो पीढ़ी के कंप्यूटर से फ़ास्ट काम करता था और इसका प्रयोग करना भी बहुत ही आसान था ये बिजली भी बहुत कम लेता था और ये पोर्टेबल था माइक्रोप्रोसेसर जिसका आविस्कर 1971 में {Marcian E haf} द्वारा किया गया था माइक्रोप्रोसेसर जो की VLSI { Very large-scale integration }एक चिप है, जिसको हम माइक्रोप्रोसेसर कहते है और ये कंप्यूटर GUI{graphical user interface} base ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग करते थे जब GUI बेस ऑपरेटिंग सिस्टम का प्रयोग होने लगा तब यूजर के लिए कंप्यूटर प्रयोग करना और भी आसन हो गया .यह हाई लेवल लैंग्वेज का भी उपयोग करता है
फिफ्थ पीढ़ी कंप्यूटर 1985
फिफ्थ जेनरेशन कंप्यूटर की बात करे तो इस जेर्रेशन के कंप्यूटर पे अभी भी रिसर्च चल रहा है इस जेनरेशन के कंप्यूटर में कृत्रिम बुद्धिः {artifial intelligent } क्षमता विकसित की जा रही है और vlsi के स्थान पे ulsi का प्रयोग माइक्रोप्रोसेसर के रूप में किया जा रहा ये पीढ़ी के कंप्यूटर अभी पूरी तरह सर तैयार नहीं हुआ है पर फिफ्थ जेनरेशन के फीचर वाले कुछ कंप्यूटर है जिनको प्रयोग एकाउंटिंग ,इंजीनियरिंग, रिसर्च, इत्यादि के क्षेत्र में प्रयोग हो रहा है फिफ्थ जेरेशन वाले कंप्यूटर को ऐसा बनाया जा रहा है की कंप्यूटर खुद फैसला ले सके और कुछ सोच सके इसमे सोचने के क्षमता बनाई जा रही है और जो काम एक आम इन्सान कर रहा है वो सबकुछ कर सके . अर्तिफिअल इंटेलीजेंट का सबसे बड़ा उदहारण है गूगल असिस्टेंट अगर आप गूगल असिस्टेंट का प्रयोग नहीं किये है तो आप प्रयोग करके देख सकते है,की गूगल असिस्टेंट कैसे काम करता है गूगल असिस्टेंट यूजर के प्रश्न का डैरेक्ट जबाब देता है आर्टिफीसियल इंटेलीजेंट का सबसे बड़ा है उदहारण है ROBBOT तो आपने देखा ही होगा रोबूत बिलकुल मानव की तरह काम करता है
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what is output device in hindi, आउटपुट डिवाइस क्या होती है और कोन कोन सी होती है ?
What is computer in hindi,कंप्यूटर क्या होता है?
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