हमारा दिमाग और कंप्यूटर मेमोरी की तुलना - Internet Technology

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Ashok Kumar Rajbhar
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Sunday 6 December 2020

हमारा दिमाग और कंप्यूटर मेमोरी की तुलना

कंप्यूटर आज के समय की सबसे अधिक उपयोग की जाने वाली मशीन है और यह कहा जाता है कि यह मानव से अधिक है, इसके बिना कोई भी काम नहीं किया जा सकता है, हमारे अनुसार, कंप्यूटर सिर्फ आपकी जरूरत की मशीन है, जैसे आप हाथ से कर सकते हैं यदि आप किसी भी दीवार या पत्थर को नहीं तोड़ सकते हैं, तो आपने हथौड़ा बनाया है, इसी तरह आपने कुछ महत्वपूर्ण काम करने के लिए कंप्यूटर बनाया है, तो हमारी तुलना कैसे की जा सकती है।

रंग पहचान के संदर्भ में

जहाँ तक रंगों में अंतर का सवाल है, मनुष्य की आँखें लगभग 1 करोड़ रंगों को भेद कर सकती हैं, लेकिन एक 32-बिट कंप्यूटर 1 करोड़ 80 लाख रंगों को भेद करने में सक्षम है।

गणना करने में,

मनुष्य इस मामले में कंप्यूटरों से पिछड़ जाता है, जहाँ मानव मन मस्तिष्क बहुत आराम से संख्याओं की गणना करता है, लेकिन यदि यह 10 या 12 अंकों की गणना करता है, तो इसमें बहुत समय लगता है और यदि इसे बड़ा कर दिया जाता है, तो यह आपको कुछ दिन, लग सकता है कैलकुलेट करने में लेकिन कंप्यूटर इसे कुछ ही सेकंड में हल करता है। उदाहरण के लिए, आपका कैलकुलेटर

चेहरे पहचानने में

कम्यूटर फैस रिकग्निशन तकनीक के माध्यम से चेहरे को पहचानने का काम करता है, जिसमें यह चेहरे के कुछ हिस्सों को पेंट करता है, ताकि यह आसानी से किसी को भी पहचान सके, अब वही तकनीक सोशल नेटवर्किंग साइट भी है। गूंज रहा है, लेकिन मानव मन और भी आगे है, दुनिया भर में अरबों लोग हैं और सभी के अलग-अलग चेहरे हैं, मानव मन इन सभी चेहरों में बहुत आसानी से अंतर करता है। यहां तक ​​कि वह केवल आंखों को देखकर ही व्यक्ति की पहचान कर सकता है, न कि केवल तब जब दो चेहरों को एक साथ मिलाया जाता है और एक नया चेहरा दिया जाता है, जैसा कि आपने अवसर समाचार पत्र में देखा होगा, हमारा दिमाग उन दो चेहरों के बीच भी अंतर करता है और पहचानता है।

वस्तुओं की पहचान

आपका दिमाग केवल देखने भर से नमक और चीनी में अंतर कर सकता है, इसके अलावा और भी रोजमर्रा काम आने वाली चीजों के बीच अंतर करने में इंसानी दिमाग माहिर है। हालांकि अब गूगल ग्लास, जैसी एप्लीकेशन है जो इमेज स्कैन करते ही चीजो को पहचान सकती है, लेकिन सटीकता से नहीं

निर्णय लेने की क्षमत

यहाँ भी हमारा दिमाग कंप्यूटर से आगे है क्यों की हम कुछ ही पल में निर्नणय ले लेते है पर कंप्यूटर अपने आप कुछ भी नहीं सोच सकता इस लिए वह विफल हो जाता है, केवल हमारा दिमाग कुछ भी अच्छा बुरा सोच सकता है इसलिए वो कंप्यूटर से आगे है

किसी मशीन को कन्ट्रोल के मामले में

जी हाँ कम्प्यूटर चाहे किनता कि शक्तिशाली और तेज क्यों ना हो. है तो एक मशीन ही और मनुष्य के दिमाग का इस मामले में भी कोई जवाब नहीं है, फिर चाहे वह घरेलू कम्प्यूटर हो या किसी स्पेसशिप का कन्ट्रोल सिस्टम, मनुष्य का दिमाग सभी को समझ लेता है और ऑपरेट कर लेता है। एक उदाहरण के लिये यदि एक टाइपिस्ट जब की-बोर्ड पर टाइपिंग करता है तो वह की-बोर्ड की तरफ देखता भी नहीं है, तो फिर यह बिलकुल सटीक अक्षर कैसे टाइप कर पाता है. यह कमाल भी दिमाग का है, जब आप टाइपिंग का अभ्यास करते है. तो दिमाग आपको उंगलियों से दबने बाले बटन और दूसरे बटनों के दूरी और अक्षर को याद कर लेता है और यही नहीं आप काफी तेजी से टाइप भी कर पाते हैं।

प्रैक्टिकल के मामले में

आपको बता दें कि कम्प्यूटर केवल वही कार्य कर सकता लिये उसे प्रोग्राम किया गया हो, लेकिन अगर उसे अलग कोई काम करना हो तो कम्प्युटर उसे नहीं कर पता है, लेकिन इन्सानी दिमाग प्रैक्टिकल होता है, वह किसी भी कार्य को करने के लिये कोई ना कोई रास्ता खोज ही लेता है, जिसे आप हिंदी भाषा में जुगाड़ भी कहते हैं, यह द्वितीय क्षमता केवल और केवल मनुष्य के पास ही है।

निरंतर कार्य करने की क्षमता

हमने बहुत जगह पढ़ा है कि कम्प्यूटर कभी थकता नहीं है, वह निरंतर कार्य करता रह सकता है और इंसानी दिमाग धक जाता है उसे सोने की आवश्यकता होती है। हमने अभी तक कोई ऐसा रोबोट या गशीन नहीं देखी जो बिजली या बेट्ररी के बगेर चल सके या उसे चार्जिग की आवश्कता न हो ऐसा ही मनुष्य के दिमाग और शरीर के साथ है. सोते समय भी मनुष्य का दिमाग कार्य करता रहता है, जब आप सो रहे होत हैं तक भी आपके मन में विचार आते रहते है, आप सपने देखते रहते हैं और बात रही थकने की तो कम्प्यूटर में भी हैंग होने की बीमारी होती है।

संग्रह क्षमता

कम्प्यूटर में आप दुनिया भर के गाने, वीडियो और संग्रहित कर रख सकते हैं, यह क्षमता मनुष्य के दिमाग के पास भी होती है, वह आस-पास होने वाली घटनाओं को रिकार्ड करता रहता है, लेकिन गैर जरूरी घटनाये समय से साथ अपने आप डिलीट होती चलती है, जबकि कम्प्यूटर में आपको इसके लिये स्वंच भी उन फाइर्ला को डिलीट करना पड़ता है, लेकिन हाँ संग्रह क्षमता में फिर भी कम्प्यूटर ही आगे है।

अंत में

इंसानी दिमाग और इंसानी शरीर मिलकर कई सारे काम कर सकते हैं, जो अकेला कम्प्यूटर कभी नहीं कर सकता है, आप नोट गिन सकते हैं, आप ड्राइव भी कर सकते हैं, आप पढ़ भी सकते हैं, आप खाना भी पका सकते हैं. आप केवपुलेशन भी कर सकते हैं, आप कम्प्यूटर भी चला सकते हैं, जरा सोचिये कम्प्यूटर | आपने यानि मनुष्य ने बनाया है तो फिर वह मनुष्य सेट कसे हो सकता है, हाँ वह एक अच्छी मशीन भले ही हो लेकिन एक अच्छा इंसान नहीं बन सकता है, यह केवल मशीन हे इसे मशीन ही मानिये तथा इसकी मदद से श्रेष्ठ कार्य कीजिये और और देश का नाम गर्व से उचा कीजिये।

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