कंप्यूटर के मेन कॉम्पोनेन्ट कोन कोन होते है और क्या क्या काम करते है ?
कंप्यूटर के वो पार्ट डिवाइस जिसके बिना कंप्यूटर अधुरा है उसे कंप्यूटर कॉम्पोनेन्ट कहते है ,कॉम्पोनेन्ट अलग अलग डिवाइस होती है पर कुछ ऐसी डिवाइस होती है जिनके बिना कंप्यूटर बेकार है उन सभी डिवाइस मिलाकर कंप्यूटर बनाया गया है और उन सभी डिवाइस को कंप्यूटर का मेन पार्ट मन जाता है क्यों की उन सभी डिवाइस के बिना कंप्यूटर काम ही नहीं कर सकता
इनपुट डिवाइस (Input device)
आउटपुट डिवाइस (Output Device)
स्टोरेज डिवाइस (Storage device)
प्रोसेसिंग डिवाइस (Processing Device)
कम्युनिकेशन डिवाइस (Communication Device)
इनपुट डिवाइस (Input device)
इनपुट डिवाइस उन डिवाइस को कहते है जिसकी सहायता से हम कंप्यूटर को कुछ डाटा सेंड कर सके है या यह भी कह सकते है की इनपुट डिवाइस के मदद से हम कंप्यूटर को आदेश दे सकते है सिंपल भाषा में बोला जाये तो इनपुट डिवाइस हार्डवेयर डिवाइस होती है जिसका प्रयोग करके हम कंप्यूटर को डाटा सेंड कर सकते है अलग अलग तरह की इनपुट डिवाइस होती है और हर एक इनपुट डिवाइस का आपना काम करने का तरीका होता है उधाह्र्ण के लिए कीबोर्ड और माउस दोंनो इनपुट डिवाइस ही है पर दोनों अलग अलग काम करते है जैसे सबसे पहले हम कीबोर्ड के बात करे तो कीबोर्ड एक इनपुट डिवाइस है और इस इनपुट डिवाइस मदद से कंप्यूटर को कुछ डाटा भेज सकते है जिसको कंप्यूटर प्रोसेस करता है और लास्ट में आउटपुट डिवाइस के माध्यम से रिजल्ट देता है अब बात करे माउस की तो माउस भी इनपुट डिवाइस ही होता है पर माउस यूजर को कंप्यूटर से इंटरफ़ेस कराता है और इसका मेन काम होता है फाइल,फोल्डर सेव करना या ओपन करना मूव करना
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आउटपुट डिवाइस (Output Device)
आउटपुट डिवाइस इलेक्ट्रॉनिक हार्डवेयर डिवाइस होती है है जिसको प्रयोग हम कंप्यूटर में भी करते है ,आइये सबसे पहले समझते है आउटपुट (output ) का मतलब तो आउट(out) का मतलब होता है बाहर और पुट(put) का मतलब होता है रखना , मतलब दोनों को मिलाया जाये तो बाहर रहना इसका मतलब बाहर रखने वाला डाटा इनफार्मेशन डिवाइस को हम आउटपुट डिवाइस कहते है , जब कंप्यूटर किसी भी इनपुट डाटा इनफार्मेशन को प्रोसेस करके जिस डिवाइस के माध्यम से हमे रिजल्ट डिस्प्ले कराता है उसे हम आउटपुट डिवाइस कहते है आउटपुट डिवाइस भी कई तरह होती है जो अलग अलग डाटा इनफार्मेशन को आउटपुट करती है . जैसे moniter जो की आउटपुट डिवाइस है जो डाटा इनफार्मेशन (टेक्स्ट, चित्र, इत्यादि )को डिस्प्ले कराता है, एक और उदहारण स्पीकर (speaker ) स्पीकर जो साउंड ,ऑडियो को आउटपुट करता है
स्टोरेज डिवाइस (Storage device)
मेमोरी कंप्यूटर में बहुत ही अहम् भूमिका निभाती है और मेमोरी कंप्यूटर का मेन पार्ट माना जाता है क्यों की बिना मेमोरी के कंप्यूटर कुछ भी नहीं कर सकता आइये कुछ उद्धरण के साथ समझते है मेमोरी के बारे में जैसे हमारे जीवन में जो भी अच्छा बुरा होता है तो हमको याद रहता है ये सब याद हमारे मस्तिक यानी दिमाग में रहता है तो हमारा जो दिमाग है वो हमारा मेमोरी है उसी प्रकार कंप्यूटर में मेमोरी बनाई है जो की कंप्यूटर में हुए परफॉरमेंस और डाटा इनफार्मेशन को याद रखती है जिसको हम मेमोरी कहती है और स्टोरेज डिवाइस के नाम से भी जानते है तो फ्रेंड्स यह तो क्लियर हो गया मेमोरी किसे कहते है अब बात आती है मेमोरी कितनी प्रकार की होती है
कंप्यूटर में मेमोरी दो प्रकार की होती है प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory ) परमानेंटली मेमोरी (Parmanently Memory )प्राइमरी मेमोरी (Primary Memory )
>प्राइमरी मेमोरी जिसको हम RAM(Random access Memory ) कहते है ,प्राइमरी मेमोर वो मेमोरी होती है जो डाटा को कुछ देर तक स्टोर रखती है मतलब कंप्यूटर जबतक काम करता है तभी तक प्राइमरी मेमोर में डाटा स्टोर रहता है और कंप्यूटर के बंद होने के बाद ही डाटा लोस (डिलीट) हो जाता है इसी लिए इसे टेम्पररी मेमोरी और voilatile मेमोरी बोलते है , प्राइमरी मेमोरी को कई नामो से जानते है जैसे टेम्पररी मेमोरी (Temporary memory ),मेन मेमोरी (main memory ), और Volatile Memory , Ram का मेन कम है की जब हम कोई भी एप्लीकेशन रन करते है तब वो डायरेक्ट रेम (Ram) से ही एक्सेस या रन होता है दुसरे सब्द में कहे तो जब भी हम कोई अभी एप्लीकेशन ओपन करते है या कोई मूवीज देखते है या गेमिंग करते है तो उन सभी का डाटा रेम में ही रन होता है और जब हमारे मोबाइल का रेम की जगह ज्यादा होता है तो हमारा कंप्यूटर या मोबाइल अच्छा काम करता है और जिनके कंप्यूटर में रेम की कमी होती है तब उनका मोबाइल या कंप्यूटर हंग करने लगता है आइये example से समझने की कोशिस करते है जैसे मैंने आपने कंप्यूटर में एक एप्लीकेशन ओपन किया तो सबसे पहले राम उस एप्लीकेशन के लिए जगह बनता है फिर उसे स्टोर करता है फिर जैसे जैसे एप्लीकेशन का प्रयोग होता है वैसे रेम एप्लीकेशन डाटा को access करके प्रोसेसर को देता है तब प्रोसेसर डाटा को प्रोसेस करके हमे रिजल्ट देता है
परमानेंटली मेमोरी (Parmanently Memory )
परमानेंटली मेमोरी वो मेमोरी होती है जिसमे डाटा सेव स्टोर रहता है और ये डाटा स्टोर ही रहता है ये डाटा डिलीट नहीं होता है जबतब कोई इसे डिलीट ना करे, मतलब जैसे प्राइमरी मेमोरी में डाटा स्टोर रहता है और जैसे लाइट ऑफ होता है या कंप्यूटर बंद होता है तो RAM में स्टोर डाटा आटोमेटिक डिलीट हो जाता है पर परमानेंटली मेमोरी में ऐसा नहीं होता है परमानेंटली मेमोरी में डाटा हरमेशा के लिए स्टोर रहता है और जब तब कोई यूजर उस डाटा को डिलीट ना करे ऐसे ही डाटा रहेगा ,कंप्यूटर में जितना सोंग (song),मूवीज(movies), पिक्चर एप्लीकेशन(picute application) या डाटा इनफार्मेशन(data information) सब परमानेंटली मेमोरी में स्टोर रहता है ,परमानेंटली मेमोरी को हम सेकंड्री मेमोरी के नाम से जानते है और इस मेमोरी को हार्ड डिस्क भी कहते है , परमानेंटली मेमोरी में भी दो टाइप में डाटा स्टोर होता है HDD और SDD HDD का fullform है (Hard Disk Drive ) और SDD का fullform है (Solid State Drive )
प्रोसेसिंग डिवाइस (Processing Device )
प्रोसेसिंग डिवाइस उस डिवाइस को कहते है जो इनपुट डाटा को प्रोसेस करता है और डिजायर आउटपुट देता है कंप्यूटर में प्रोसेसिंग डेविसन CPU (Central Processing Unit )को कहते है ,और cpu में भी दो तरह के unit होता है ALU (Arthmatic Logic unit )और CU (Control Unit ), ALU का काम कंप्यूटर में जितना भी Addition,Subtraction,Multiplication,Divion वो सब ALU Solve करता है, CU का काम होता है कंप्यूटर में जितना भी सॉफ्टवेर एप्लीकेशन वर्क होता है वो सब CU करता है ,
कम्युनिकेशन डिवाइस (Communication Device)
कम्युनिकेशन डिवाइस वो सब डिवाइस को कहते है जिसके मदद से हम एक कंप्यूटर से दुसरे कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करते है या जिसके मदद से हम कंप्यूटर डिवाइस से डायरेक्ट कम्यूनिकेट करते है जैसे वायर ,USB केबल ,नेटवर्किंग डिवाइस ,LAN ,WAN Cable.
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